MP NEWS: उमा भारती ने फिर बढ़ाई शिवराज की टेंशन, लिखा एक और पत्र, जानें क्या है पत्र में?

MP NEWS: उमा भारती ने फिर बढ़ाई शिवराज की टेंशन, लिखा एक और पत्र, जानें क्या है पत्र में?

MP NEWS

MP NEWS: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इन दिनों शिवराज सरकार के लिए टेंशन बनी हुई है। उमा भारती बीते कई महीनों से प्रदेश में शराबबंदी को लेकर मुखर है। हाल ही में उमा भारती ने सीएम शिवराज को एक और टेंशन भरा पत्र भेजा है। उमा भारती ने सीएम शिवराज को लिखे पत्र में कहा है कि आपने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर नशा मुक्ति संकल्प का आयोजन किया था जिसमें आपने
बाबा रामदेव जी, चिन्मय पंड्या जी, कमलेश दाजी जैसे महापुरुषों के साथ मुझे भी आमंत्रित किया था। जिसमें आपने प्रदेश में सरकार के द्वारा नशा मुक्ति अभियान चलाने एवं नई शराब नीति बनाने से पहले हम सबसे परामर्श करने की घोषणा भी की थी।

उमा भारती ने आगे कहा कि लेकिन हमसे अभी परामर्श नहीं हुआ है किन्तु नई शराब नीति बनने का सरकारी स्तर पर दौर शुरू हो गया है यह सर्वविदित है। कल प्रातः मेरी आपसे दूरभाष की बातचीत में जो आपने मुझे बताया है कि नई शराब नीति तभी घोषित होगी जब सबसे परामर्श हो जाएगा, इससे मुझे प्रसन्‍नता हुई, संतोष हुआ, आपके प्रति सम्मान बढ़ा।

उमा भारती ने आगे ​लिखा कि जोशीमठ उत्तराखंड के समाचार से आप अवगत ही होंगे। श्रीमद्‌ आदि शंकराचार्य जी के संपूर्ण जीवन काल का जोशीमठ आधार स्थान रहा है, वहीं उन्होंने वैदिक धर्म की पुनर्स्थापना का आरंभ किया एवं देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा की। मैं जोशीमठ के लिए बहुत चिंतित हूँ, जिससे मैं आज उत्तराखंड रवाना होने के पूर्व शराब नीति के संबंध में अपनी तरफ से लिखित में, एक पत्र के रूप में परामर्श भेज रही हूं। आप अपनी वचनबद्धता को ध्यान में रखकर उन परामशों को नई शराब नीति में शामिल कर लेंगें, ऐसा मुझे आप पर विश्वास है।

उमा भारती ने आगे कहा कि मेरे विचार से शराब नीति का यह उद्देश्य होना चाहिए कि लोगों को शराब पीने से हतोत्साहित किया जाये तथा प्रदेश शराब नीति के माध्यम से नशा एवं शराब मुक्ति की ओर अग्रसर हो। अतः मध्यप्रदेश की नई शराब नीति में मेरे परामर्श के निम्नलिखित बिन्दु आप सम्मिलित करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है-

क्या है उमा भारती के बिंदु?

खुले अहाते में शराब पीने की व्यवस्था तुरंत बंद होनी चाहिए क्योंकि इस कारण से लोग शराब पीकर वाहन चलाते हैं जो कि यातायात नियमों का उल्लंघन है तथा अहातों के बाहर असामाजिक तत्वों का जमावडा होता है, महिलाएं भयभीत होती हैं एवं सज्जन लोग परेशानी में
पढ़ते हैं। सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों से शराब की दुकानों की न्यूनतम दूरी एक किलोमीटर की रेडियस की होनी चाहिए। सभी धर्मों के धार्मिक स्थानों से न्यूनतम आघा किलो मीटर के रेडियस की दूरी होनी चाहिए। मजदूरों की बस्ती, अस्पताल, अदालतों, बस स्टैंड से शराब की दुकान की न्यूनतम दूरी आधा किलो मीटर के रेडियस की होनी चाहिए।

जिस प्रकार से सिनेमा हॉल में एवं अन्य जगहों पर शराब एवं सिगरेट के दोष बताए जाते हैं एवं लोगों को इससे दूर रहने को कहा जाता है ऐसे बड़े-बड़े होडिंग हर जगह शराब की दुकान के बाहर हों एवं शराब की बोतल पर शराब की बुराइयां लिखी हुई हों। जहां भी शराब की दुकान हो उन स्थानों के पुलिस स्टेशन को यह सख्त निर्देश होना चाहिए कि दुकान में या दुकान के बाहर कोई भी व्यक्ति बैठकर शराब नहीं पी सकता, यदि ऐसा करते हुए मिले तो उस व्यक्ति पर थानेदार को सख्त कार्यवाही करने के पूरे अधिकार होने चाहिए। स्वाभाविक है कि इतने विधि निषेधों के बाद शराब की बिक्री कम होगी तथा राजस्व की थोड़ी कमी
होगी।

उमा का शिवराज को सुझाव

उमा भारती ने ​पत्र के माध्यम से सरकार को सुझाव देते हुए लिखा की प्रदेश का 2 लाख करोड का बजट है, हमारे नागरिकों के स्वास्थ्य, महिलाओं की सुरक्षा की बुलना में राजस्व की कुछ हजार करोड़ की हानि, हानि नहीं बल्कि जनहितकारी लोकराज का धर्म है। मैंने पहले भी आपको यह सुझाव दिया था कि यह बहुत थोड़ी सी राजस्व की हानि है उसकी भरपाई के लिए मध्यप्रदेश के पास बहुत सारे संसाधन हैं जिनके लिए समिति बनाई जा सकती है जो एक आदर्श शराब नीति के कारण प्रभावित हो गए राजस्व से कई गुना राजस्व वृद्धि करने के सुझाव दे सकती है। पूरे प्रदेश के लोगों से सेमिनार करके सुझाव लिए जा सकते हैं। आप निजी जीवन में सतोगुणीं हैं आपका यह संस्कार सरकारी नीतियों में भी अभिव्यक्त हो, खास करके शराब नीति में तो मध्य प्रदेश भाजपा शासित राज्यों में भी शराब नीति पर एक मॉडल स्टेट बन सकता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *