नहीं रहा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, यह है मौत का कारण- सूत्र

नहीं रहा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, यह है मौत का कारण- सूत्र

नहीं रहा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, यह है मौत का कारण- सूत्र
नहीं रहा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, यह है मौत का कारण- सूत्र

Gurpatwant Singh Pannu News: खबर आ रही है की आज 05/07/2023 दिन बुद्धवार को खालिस्तान आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू(Gurpatwant Singh Pannu) की अमेरिका में कार एक्सीडेंट में मौत हो गई है। अभी इस खबर की पुष्टि नहीं की जा सकती है परन्तु ट्विटर और कई सोशल मीडिया साइट्स में इस तरह की खबरें वायरल हो रहीं हैं। कई मीडिया संस्थान गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत की खबर दे रहे हैं परन्तु दी हिन्दुस्तान टुडे अभी इस खबर की पुष्टि नहीं कर रहा है। वायरल हो रही खबर यदि सही है तो यह खालिस्तान को समर्थन देने वालों के लिए दुःख की खबर है और भारत के राष्ट्रवादी लोग इस खबर से खुश हो सकते हैं।

ट्वीट देखें-

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?-

गुरपतवंत सिंह पन्नू एक सिख कार्यकर्ता हैं, जिसने खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र सिख मातृभूमि की वकालत करने वाले संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। पन्नू का जन्म पंजाब, भारत में हुआ था और वह सिख हितों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और खालिस्तान की मांग के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से विभिन्न अभियानों और गतिविधियों में शामिल रहा हैं।

पन्नू भारत में सिख समुदाय के सामने आने वाले राजनीतिक और मानवाधिकार के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन, रैलियां और कार्यक्रम आयोजित करने में सबसे आगे रहा हैं। वह अपने जोशीले भाषणों, सिखों के लिए आत्मनिर्णय की वकालत करने और भारत में सिखों के खिलाफ कथित धार्मिक और राजनीतिक भेदभाव को उजागर करने के लिए जाना जाता हैं।

खालिस्तान की मांग 20वीं सदी की शुरुआत में शुरू हुई और 1980 और 1990 के दशक के दौरान इसमें काफी तेजी आई। यह इस दावे पर आधारित है कि सिख, एक विशिष्ट धार्मिक और सांस्कृतिक समूह के रूप में, भारत से स्वतंत्र एक अलग राष्ट्र-राज्य के हकदार हैं। खालिस्तान के लिए आंदोलन एक जटिल और विवादास्पद मुद्दा रहा है, जिसमें विभिन्न ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक कारक शामिल हैं, जबकि पन्नू और सिख फॉर जस्टिस ने सिख प्रवासी समुदाय के कुछ सदस्यों से समर्थन प्राप्त किया है, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में, उसे आलोचना और विवाद का भी सामना करना पड़ा है। भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस को “अलगाववादी और चरमपंथी” संगठन करार दिया है और इसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। पन्नू को अपनी गतिविधियों और भाषणों से संबंधित भारत में कानूनी चुनौतियों और आरोपों का सामना करना पड़ा है, जिसमें राजद्रोह के आरोप भी शामिल हैं।

पिछले 2 महीने में 3 खालिस्तानी आतंकियों की हुई है मौत-

हरदीप निज्जर: खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के चीफ निज्जर को 18 जून को कनाडा के गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार दी गई थी। निज्जर को कार से उतरने का समय भी नहीं दिया गया। निज्जर इस गुरुद्वारे का प्रधान था।

अवतार खांडा: 14 जून को भारतीय दूतावास पर हमले की योजना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक नेता अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन में मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था। हालांकि उसको जहर देने की भी चर्चा हुई।

परमजीत पंजवड़: 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स(KCF) के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में हत्या कर दी गई। लाहौर के जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था।

इन तीन खालिस्तान समर्थकों की मौत के पश्चात पन्नू की मौत की खबर खालिस्तानियों को दुःख में डाल सकती है और यह कहा जा सकता है की धीरे-धीरे ही सही परन्तु खालिस्तान समर्थक आतंकियों का नेटवर्क छोटा होता जा रहा है परन्तु आपको बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत की पुस्टि होना अभी बांकी है।

इस खबर को ENGLISH भाषा में पढ़ें-

Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannu Is No More, This Is The Cause Of Death – Sources

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