Dengue News

Dengue News: डेंगू होता क्या है?, डेंगू से कैसे बचें और हो जाने पर क्या करें

Dengue News: डेंगू की पूरी जानकारी

Dengue News: डेंगू इस समय हिंदुस्तान में बहुत फ़ैल रहा है। हिंदुस्तान के कई राज्यों में डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं और आय दिन डेंगू के कई सारे मरीज देखने को मिल रहे हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़ो को भी डेंगू अपनी चपेट में ले रहा है और कई मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें डेंगू हुआ हैं। डेंगू का देश में ज्यादा फैलने का कारण लोगों में जागरूकता की कमीं है। कई लोगों के शरीर में डेंगू के लक्षण देखने को मिलते हैं परन्तु जागरूकता की कमीं के कारण मरीज इन लक्षण को पहचान नहीं पाते हैं और फिर डेंगू उनके शरीर में हावी हो जाता है जिससे कई बार मरीज की जान तक चले जाती है।

डेंगू से जुड़े इन सवालों के देंगें हम जवाब-

आज हम आपको डेंगू के विषय में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं कि आखिर डेंगू होता क्या है? डेंगू होता कैसे हैं? डेंगू से कैसे बचा जा सकता है? डेंगू होने के बाद शरीर में कैसे लक्षण दिखाई देते हैं और यदि डेंगू हो जाता है तो क्या इलाज लिया जा सकता है?
इन सभी विषय में हम आपको एक-एक करके जानकारी देने वाले हैं।

डेंगू होता क्या है? और कैसे होता है?

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं की आखिर डेंगू होता क्या है? डेंगू एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। यह एक मच्छर जनित रोग है अतः डेंगू वायरस मच्छर के द्वारा फैलता है। डेंगू के मच्छर साफ़ पानी में पनपते हैं और दिन के समय में काटते है। संक्रमण का प्राथमिक स्रोत एडीज एजिप्टी मच्छर है।
डेंगू बुख़ार को “हड्डीतोड़ बुख़ार” के नाम से भी जाना जाता है।

डेंगू से कैसे बचा जा सकता है।

डेंगू से बचाव का सबसे कारगर उपाय है मछरों पर नियंत्रण क्योकि यह वायरस मछरों के माधयम से फैलता है इसी लिए हम जहाँ रहते हैं वहां की साफ-सफाई बहुत जरूरी होती है। डेंगू के मच्छर जहाँ पानी इकट्ठा होता है वहां पैदा होते हैं इसी लिए हमें कूलर, टायर, बोतलें, गुलदस्ते इन जलपात्रों को अक्सर खाली करना चाहिए।
घर में यदि मच्छर हो जाते हैं तो कंडे का धुआं या कीट नाशक का धुआं करके मछरों को नष्ट किया जा सकता है। परन्तु समस्या यह है की डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं अतः मच्छरों को अपने आप को नहीं काटने देना भी के उपाय हो सकता है।

डेंगू होने के बाद शरीर में कैसे लक्षण दिखाई देते हैं?

यदि किसी को डेंगू हो जाता है तो यह कैसे पता करें कि मरीज को डेंगू हुआ है या फिर साधाहरण बुखार है, यह प्रश्न उठता है। अक्सर 100 में से 80 लोगों को डेंगू के सधाहरण लक्षण देखने को मिलते हैं अतः उनमें मामूली सा बुखार जैसा लक्षण ही देखने को मिलता है जबकि 5 प्रतिशत लोगों में ही इसके गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं अतः वह गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं। डेंगू वायरस से पीड़ित होने के 3 से 14 दिनों के भीतर मरीज में लक्षण देखने को मिलते हैं। अब चूँकि डेंगू के लक्षण और साधाहरण बुखार सामान होते हैं इसी लिए सबसे सही तरीका यह कि मरीज को यदि बार-बार बुखार आ रहा है और रुक-रुक कर बुखार आ रहा है तो वह डेंगू टेस्ट करवा ले।

यह भी पढ़ें-

विकास दिव्यकीर्ति ने माता सीता के ऊपर ऐसा क्या कह दिया की दृष्टि IAS को बैन करने की मांग उठने लगी

Bhopal Accident News: भोपाल में कोरियोग्राफर की बाइक एक्सीडेंट में मौत, रात में डांसर दोस्त से मिलकर लौट रहा था घर

डेंगू हो जाता है तो क्या इलाज लिया जा सकता है?

अब हम जान लेते हैं की डेंगू हो जाने पर क्या इलाज दिया जा सकता है। डेंगू कोई गंभीर बिमारी नहीं हैं बशर्ते इसका पता समय रहते चल जाए तब अन्यथा डेंगू मरीज की जान भी के लेता है। डेंगू हो जाने पर घर में मरीज को पानी को उबाल कर ठंडा करके दें चाहिए। फल में पपीता, अनार, कीवी और सेवफल दिया जा सकता है। पपीते के पत्ते को पीसकर और उसका रस निकाल कर 1 से 2 चम्मच रास दिन में 2 से 3 बार लगभग 7 दिनों तक मरीज को देने से आराम मिलता है। मांसाहार और खट्टे पदार्थ का परहेज करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाइयां लेनी चाहिए।

डेंगू का इलाज किस पद्धति में लेना चाहिए।

वैसे डेंगू का इलाज एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी तीनों पध्दतियों में संभव है अतः मरीज जिस भी पद्द्ति में इलाज लेना चाहे ले सकता हैं। बस अंतर इतना है की एलोपैथी दवाइयां तुरंत असर दिखाना शुरू कर देती हैं जबकि आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयां एलोपैथी की थोड़ी देर से असर दिखाती हैं और लम्बी चलती हैं परन्तु इनका शरीर में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है जबकि एलोपैथी दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट होता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *