prakash shah and mukesh ambani

उद्योगपति मुकेश अम्बानी के ख़ास कहे जाने वाले प्रकाश शाह ने क्यों छोड़ा सांसारिक जीवन? 75 करोड़ थी सैलरी फिर भी अध्यात्म को चुना। जानिए कारण….

उद्योगपति मुकेश अम्बानी के ख़ास कहे जाने वाले प्रकाश शाह ने क्यों छोड़ा सांसारिक जीवन?

उद्योगपति मुकेश अम्बानी के ख़ास कहे जाने वाले प्रकाश शाह ने क्यों छोड़ा सांसारिक जीवन? 75 करोड़ थी सैलरी फिर भी अध्यात्म को चुना। जानिए कारण….

मुकेश अंबानी के राइट हैंड कहे जाने वाले एक शख्स ने करोड़ों की सैलरी वाली नौकरी छोड़कर साधु जीवन अपना लिया है आपको सुनकर शायद विश्वास नहीं होगा हम बात कर रहे हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज के वाइस प्रेसिडेंट और मुकेश अंबानी के करीबी सहयोगी प्रकाश शाह के बारे में।

प्रकाश शाह को करीब 75 करोड रुपए की सैलरी मिलती थी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रकाश शाह करोड़ की सैलरी वाली अच्छी खासी नौकरी छोड़कर संयासी बन गए कौन है? प्रकाश शाह? पूरा मामला क्या है? इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं।

कौन हैं प्रकाश शाह(PRAKASH SHAH)?

प्रकाश शाह एक बेहद पढ़े लिखे और कामयाब इंसान है उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज में वह वाइस प्रेसिडेंट के बड़े पद पर थे उन्हें मुकेश अंबानी का राइट हैंड माना जाता था। उनकी पत्नी नैना शाह कॉमर्स ग्रैजुएट है उनके दो बेटे हैं एक बेटे ने पहले ही साधु जीवन चुन लिया है जबकि दूसरा बेटा शादीशुदा है और उनका एक बच्चा भी है।

63 साल की उम्र में प्रकाश शाह ने रिलायंस से रिटायरमेंट लिया इसके तुरंत बाद उन्होंने और उनकी पत्नी ने साधु जीवन के लिए दीक्षा ग्रहण की दीक्षा का मतलब है सांसारिक सुखों को छोड़कर सादा जीवन जीना और मोक्ष के लिए अच्छे कर्म करना। प्रकाश शाह बहुत पहले से दीक्षा लेना चाहते थे लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टालना पड़ा। आखिरकार महावीर जयंती(10 अप्रैल 2025) के मौके पर उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज में कई बड़े प्रोजेक्ट्स को दिया अंजाम-

रिलायंस इंडस्ट्रीज में प्रकाश शाह ने कई बड़े प्रोजेक्ट्स को कामयाबी से संभाला जामनगर पेटकोक गैसीफिकेशन प्रोजेक्ट और पेटकोक मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण कामों में उनकी अहम भूमिका रही उनकी मेहनत और समझदारी ने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिटायरमेंट के वक्त उनकी सैलरी 75 करोड रुपए सालाना थी इतनी बड़ी रकम और सुख सुविधाओं को छोड़कर साधु बनने का फैसला वाकई हैरान करने वाला है।

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64 साल की उम्र में प्रकाश शाह अब पूरी तरह साधु जीवन जी रहे हैं उन्होंने सारी सुख सुविधा त्याग दी है वे नंगे पैर चलते हैं सादे सफेद कपड़े पहनते हैं और भिक्षा मांग कर गुजारा करते हैं उनकी पत्नी नैना शाह भी उनके साथ इस राह पर चल रही है उनका दीक्षा समारोह मुंबई के बोरीवली में हुआ था अब उनका एक ही लक्ष्य है आत्मिक शांति और मोक्ष की प्रति उनका यह सदा और शांत जीवन हर किसी के लिए मिसाल है दीक्षा एक खास प्रक्रिया है जिसमें इंसान सांसारिक जीवन छोड़कर साधु बनता है इसमें सादगी भरा जीवन जिया जाता है साधु लोग सुख सुविधाओं को छोड़ देते हैं और अच्छे कर्म करके मोक्ष की राह पर चलते हैं। प्रकाश शाह और उनकी पत्नी ने इसी राह को चुना

कुल मिलाकर प्रकाश शाह(PRAKASH SHAH) की कहानी हमें सिखाती है कि जिंदगी में सच्ची खुशी सादगी और अच्छे कर्मों में है आपका प्रकाश शाह के इस कदम के बारे में आप क्या सोचा है कमेंट करके अपने विचार जरूर शेयर करें।

One Reply to “उद्योगपति मुकेश अम्बानी के ख़ास कहे जाने वाले प्रकाश शाह ने क्यों छोड़ा सांसारिक जीवन? 75 करोड़ थी सैलरी फिर भी अध्यात्म को चुना। जानिए कारण….”

  1. मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं ।जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
    कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
    रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)

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